दिये गये भौतिक सम्बंध की विमीय रूप से सत्यता की जाँच करना
दिये गये भौतिक सम्बंध
की विमीय रूप से सत्यता की जाँच करना
यह "विमीय ऐक्यता
के सिद्धांत” पर
आधारित है। इस सिद्धांत के अनुसार समीकरण के दोनों ओर के प्रत्येक पदों की विमायें
अवश्य समान होनी चाहिए।
यदि X = A ± (BC)2 ± √DEF
तो विमीय समांगता के सिद्धान्त
से
[X] = [A] ± [(BC)]2 ± [√DEF]
यदि दोनों ओर के
प्रत्येक पद की विमायें समान हैं तो समीकरण विमीय रूप से शुद्ध होगा अन्यथा नहीं।
विमीय रूप से शुद्ध समीकरण आंकिक रूप से शुद्ध हो सकता है और नहीं भी।
उदाहरण :
1- अभिकेन्द्र
बल के सूत्र की जाँच करना-
अभिकेन्द्र बल का भौतिक
सूत्र F = mv2/r2
विमीय समांगता के सिद्धान्त
से दोनों और की विमाएं समान होनी चाहिए
[MLT-2] =
[M][LT-2]/[L2]
[MLT-2] =
[MT-2]
चूँकि उपरोक्त समीकरण में
दोनों ओर की विमाएं सामन नहीं है अतः यह सूत्र विमीय रूप से शुद्ध नहीं है। इस प्रकार
यह समीकरण भौतिक रूप से गलत है।
2- गति के
द्वितीय समीकरण की जाँच करना-
गति की द्वितीय समीकरण
s = ut – at2/2
दोनों ओर की विमाएं रखने
पर
[L] = [LT-1][T]
– [LT-2][T2]
[L] = [L] - [L]
चूँकि उपरोक्त समीकरण में दोनों ओर की विमाएं प्रत्येक पद में समान है अतः यह समीकरण भौतिक रूप से ठीक है।
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