विमीय विश्लेषण की सीमायें Limitations of Dimensional Analysis
विमीय विश्लेषण की
सीमायें Limitations of Dimensional Analysis
यद्यपि विमीय विश्लेषण
बहुत उपयोगी है लेकिन इसकी भी कुछ सीमायें हैं-
1- यदि किसी भौतिक राशि की विमायें दी हैं, तो
वह राशि अद्वितीय नहीं हो सकती क्योंकि कई भौतिक राशियों की विमायें समान होती
हैं। उदाहरण के लिए, यदि किसी भौतिक राशि का
विमीय सूत्र [ML2T-2]
है तो यह कार्य अथवा ऊर्जा अथवा बल आघूर्ण का विमीय सूत्र हो सकता है।
2- आंकिक
नियतांक [K] जैसे (1/2), 1 अथवा 2π आदि की कोई विमायें नहीं होती अतः इन्हें विमीय विश्लेषण विधि द्वारा
ज्ञात नहीं किया जा सकता।
3- विमीय विधि का प्रयोग गुणनफल से प्राप्त होने वाले अन्य फलनों के
अतिरिक्त फलनों को व्युत्पन्न करने के लिये नहीं किया जा सकता है। जैसे– सूत्र s = ut + at2/2 अथवा y = asinωt को इस विधि द्वारा व्युत्पन्न
नहीं किया जा सकता। केवल इस प्रकार के समीकरणों की सत्यता की जाँच की जा सकती है।
4- यदि यांत्रिकी में कोई भौतिक राशि तीन से अधिक राशियों पर निर्भर करती है तो विमीय विश्लेषण की विधि से सूत्र को व्युत्पन्न नहीं किया जा सकता क्योंकि इस स्थिति में बनने वाले समीकरणों की संख्या (=3) अज्ञात चरों (>3) की तुलना में कम होती है। फिर भी हम दिये गये समीकरण की सत्यता की जाँच कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, T = 2π√(1/mgl) को विमीय विश्लेषण विधि से व्युत्पन्न नहीं किया जा सकता है। केवल इनकी सत्यता की जाँच ही सम्भव हो सकती है।
5- यदि
कोई भौतिक राशि तीन भौतिक राशियों पर निर्भर करती है, और
उनमें से दो की विमायें समान हों तो विमीय विश्लेषण विधि से इसके लिए सूत्र
व्युत्पन्न नहीं किया जा सकता।
उदाहरण के लिए, स्वरित्र की आवृत्ति के
लिए सूत्र f = (d/L2)ν को विमीय विधि से व्युत्पन्न नहीं किया
जा सकता केवल इनकी सत्यता की जाँच ही संभव होती है।
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