किसी भौतिक राशि का दी हुई मात्रक पद्धति में मात्रक ज्ञात करना

किसी भौतिक राशि का दी हुई मात्रक पद्धति में मात्रक ज्ञात करना

किसी भौतिक राशि का सूत्र अथवा परिभाषा लिखने के लिये हम इसकी विमायें ज्ञात करते हैं ।विमीय सूत्र में M , L तथा T के स्थान पर आवश्यक पद्धति के मूलभूत मात्रक रखकर उस पद्धति में हम भौतिक राशि का मात्रक ज्ञात कर लेते हैं । फिर भी कभी-कभी इस मात्रक के लिए हम एक विशिष्ट नाम दे देते हैं । उदाहरण के लिए

कार्य = बल × विस्थापन

अतः कार्य का मात्रक = बल की विमा × विस्थापन की विमा 

[W] = [MLT2] × [L] = [MLT]

जहाँ [M] द्रव्यमान का विमीय सूत्र है, [L] लम्बाई का विमीय सूत्र है तथा [T] समय का विमीय सूत्र है। चूँकि द्रव्यमान, लम्बाई और समय के मूल मात्रक MKS पद्धति में क्रमशः किलोग्राम (kg), मीटर (m) और सेकण्ड (s) होते है। MKS पद्धति में कार्य का मात्रक kgm2/s2 होगा जिसे जूल कहते है।

नोट - CGS पद्धति में कार्य का मात्रक gcm2/s2 है जिसे अर्ग (erg) कहा जाता है। 

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