ऊष्मा यांत्रिक तुल्यांक का विमीय सूत्र // Dimensional formula of thermomechanical equivalent
ऊष्मा यांत्रिक
तुल्यांक का विमीय सूत्र // dimensional formula of thermomechanical equivalent
ऊष्मा यांत्रिक तुल्यांक की परिभाषा
यह संकल्पना कहती है कि गति का ऊष्मा में और ऊष्मा का गति में परिवर्तन किया जा सकता है तथा प्रत्येक स्थिति में समान मात्रा के कार्य के द्वारा समान मात्रा की ऊष्मा उत्पन्न होगी परन्तु शर्त केवल यह होगी कि किया गया कार्य पूर्णतः ऊष्मा में बदल जाय।इस संकल्पना के परिणामस्वरूप ऊर्जा संरक्षण का सिद्धान्त विकसित हुआ और उसे स्वीकृति मिली। इसी के परिणामस्वरूप ऊष्मागतिकी के विज्ञान की स्थापना हुई और एक नवीन शाखा के रूप में यह विकसित हुआ।
सन् 1850 में अंग्रेज भौतिकशास्त्री जेम्स प्रेस्कॉट जूल ने एक प्रसिद्ध प्रयोग किया जिससे पहली बार ऊष्मा के यांत्रिक तुल्यांक का मान प्राप्त हुआ। जूल द्वारा प्राप्त मान 4.18 जूल प्रति कैलरी था जो उस समय के लिये अति परिशुद्ध मान माना जा सकता है। बाद में अधिक जटिल विद्युतचुम्बकीय प्रयोगों से और भी अधिक परिशुद्ध मान प्राप्त किया गया जो 4.1855 जूल प्रति कैलरी है। इसे j से प्रदर्शित करते है, इसका भौतिक सूत्र, j = W/Q जूल/कैलोरी
यह वह उपकरण है जिससे जूल ने यह प्रयोग सिद्ध किया था। |
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विमीय-सूत्र ज्ञात करना
ऊष्मा यांत्रिक तुल्यांक का भौतिक
सूत्र j = W/Q
ऊष्मा यांत्रिक तुल्यांक का विमीय सूत्र
= ऊर्जा
W की विमा/ ऊष्मा Q की विमा
ऊष्मा यांत्रिक तुल्यांक का विमीय सूत्र = [M1L2T-2]/[M1L2T-2]
अतः ऊष्मा यांत्रिक तुल्यांक का विमीय सूत्र = [M0L0T0]
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