विमाओ की सहायता से नये सम्बन्धों की स्थापना करना
विमाओ की सहायता से नये
सम्बन्धों की स्थापना करना
यदि किसी भौतिक राशि
की अन्य राशियों पर निर्भरता ज्ञात हो और यदि निर्भरता गुणनफल प्रकार की हो, तो विमीय विश्लेषण का
उपयोग करके, राशियों के मध्य सम्बन्ध स्थापित किया जा सकता
है।
उदाहरण:
1- सरल
लोलक का आवर्तकाल का सूत्र ज्ञात करना-
माना सरल लोलक का अवर्तकाल
T, गोलक
का द्रव्यमान m, प्रभावी लम्बाई l, गुरुत्वीय
त्वरण g पर निर्भर करता है तथा यह मानकर कि फलन m, l तथा g के घात फलनों के गुणनफल
प्रकार का है। अर्थात
T = Kmxlygz - (i)
जहां K एक विमाहीन नियतांक है।
यदि उपरोक्त सम्बन्ध विमीय
रूप से शुद्ध है तो सभी राशियों की विमाएं रखने पर
[T] =
[M]x [L]y [LT-2]z
[M0L0T1]
= [MxLy+zT-2z]
समान राशियों की घातों
की तुलना करने पर
X =
0, y = ½ तथा z =
-1/2
X, y
तथा z के मान उपरोक्त समीकरण (1) में रखने पर
T = Km0l1/2g-1/2 या T = K√(l/g)
विमाहीन नियतांक K का मान प्रयोगों द्वारा 2π होता है अतः सरल लोलक का आवर्तकाल
T = 2π√(l/g)
2- स्टोक
का नियम सूत्र स्थापित करना-
जब एक छोटी गोली किसी तरल
में से कम चाल से गुजरती है तो श्यान बल F, गति का विरोध करता है। यह प्रायोगिक
रूप से श्यान बल F का मान गोली की त्रिज्या r, गोली के वेग v तथा तरल की श्यानता η पर निर्भर करता है। यदि इनका सम्बन्ध इस
प्रकार है-
F =
Kηxryvz - (1)
जहाँ K एक विमाहीन नियतांक है।
यदि उपरोक्त सम्बन्ध विमीय
रूप से शुद्ध है तो दोनों ओर की विमाएं रखने पर
[MLT-2] = [ML-1T-1]x [L]y [LT-2]z
[MLT-2] = [Mx Lx+y+zT-x-z]
समान राशियों की घातों
की तुलना करने पर
x =
1, x+y+z = 1` तथा -x-z =
-2
इन समीकरणों को हल करने
पर
x = 1, y = 1 तथा z = 1
x, y
तथा z के मान उपरोक्त समीकरण (1) में रखने पर
F =
Kη1r1v1 या F = Kηrv
विमाहीन नियतांक K का मान प्रयोगों द्वारा 6π होता है अतः छोटी गोली किसी तरल में से कम चाल से गुजरती है तो श्यान बल
F = 6πηrv
यही स्टोक का नियम है।
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